Sunday, June 24, 2007

Gazal!!

लज्जतेग़म बढ़ा दीजिये,
आप यूँ मुस्कुरा दीजिये

चाँद कब तक गहन में रहे,
आप ज़ुल्फें हटा दीजिये

मेरा दामन अभी साफ है,
कोई तोहमद़ लगा दीजिये

आप अंधेरे में कब तक रहें,
फिर कोई घर जला दीजिये

एक समुंदर ने आवाज दी,
मुझको पानी पिला दीजिये

लज्जतेग़म बढ़ा दीजिये,
आप यूँ मुस्कुरा दीजिये

-- From someone really great!

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